लैंक्सेस उद्योग पर जबरन वीआरएस देने के आरोप

- भाजपा नेताओं व उद्योग प्रबंधन की साठगांठ से स्थानीय श्रमिकों पर संकट: पूर्व विधायक गुर्जर




भारत सागर न्यूज/नागदा/संजय शर्मा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं की साठगांठ से लैंक्सेस उद्योग द्वारा शासन की अनुमति के बिना कर्मचारियों की छटनी करने हेतू जबरन वीआरएस (वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम) लागू करने के गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने कहा कि जब भी प्रदेश में भाजपा सरकार रही है, तब-तब स्थानीय उद्योगों में वीआरएस के नाम पर सीआरएस (कम्पलसरी रिटायरमेंट स्कीम) लागू कर कर्मचारियों को बाहर करने का कार्य हुआ है, क्योंकि उद्योग के सभी ठेके और ट्रांसपोर्ट का संचालन भाजपा नेताओं के नियंत्रण में है।




पूर्व विधायक गुर्जर ने बताया कि उद्योग प्रबंधन द्वारा लगभग 500 स्थाई, ठेका श्रमिकों एवं स्टाफ कर्मियों पर छटनी, वीआरएस हेतु अन्य राज्यों में स्थानांतरण का दबाव बनाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है वहीं जो श्रमिक स्वेच्छा से वीआरएस लेना चाहते हैं, उन्हें वीआरएस नहीं दिया जा रहा है। लैंक्सेस उद्योग ने अपनी वीआरएस पॉलिसी सार्वजनिक नहीं की है, जिन श्रमिकों की नेताओं तक पहुंच है, उन्हें अधिक राशि दी जा रही है, जबकि सामान्य मजदूरों को बहुत कम राशि देकर वीआरएस के लिए बाध्य किया जा रहा है।




पूर्व विधायक गुर्जर ने कहा कि उद्योग का उद्देश्य स्पष्ट है स्थानीय श्रमिकों को हटाकर बाहरी प्रदेशों के श्रमिकों को रोजगार देना। जिन स्थानीय श्रमिकों का अनुभव अधिक है या जिनकी तनख्वाह ज्यादा है, उन्हें जबरन वीआरएस दिया जा रहा है, जबकि बाहरी ठेकेदारों और कम वेतन वाले श्रमिकों को बाहर नही किया जा रहा है।
पूर्व विधायक गुर्जर ने बताया कि ग्रेसिम उद्योग द्वारा ठेका श्रमिकों को वीआरएस देते समय साढ़े 37 दिन की ग्रेच्युटी दी गई थी, जबकि लैंक्सेस उद्योग मात्र 15 दिन की ग्रेच्युटी दे रहा है, जिससे श्रमिकों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त उद्योग द्वारा वीआरएस की अधिकतम सीमा केवल रूपये 3.50 लाख तय की गई है, इससे लंबे समय तक सेवा देने वाले कर्मचारियों को भारी आर्थिक नुकसान होगा क्योंकि उन्हें भी उतनी ही राशि मिल रही है जितनी कम अवधि वालों को। जिन श्रमिकों ने उद्योग को इस ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया, उन्हें अब मात्र तीन लाख पचास हजार रुपए देकर बेरोजगार किया जा रहा है।
पूर्व विधायक गुर्जर ने कहा कि लैंक्सेस उद्योग नगर का प्रमुख केमिकल उद्योग है, जो नगर में सर्वाधिक प्रदूषण फैलाता है। इसके कारण मेहतवास क्षेत्र कैंसर जोन में तब्दील हो चुका है स्थानीय नागरिक प्रदूषण के शिकार हो रहे हैं, परंतु उद्योग में स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, जबकि प्रदेश के बाहर से आए लोगों को अवसर मिल रहा है।
उद्योग द्वारा श्रम नियमो के विरूद्ध केवल 17 स्थाई श्रमिकों के नाम पर संचालन किया जा रहा है, जबकि लगभग 95 प्रतिशत स्थाई कार्य ठेका श्रमिकों से कराया जा रहा है। उद्योग में लगभग 1500 ठेका श्रमिक कार्यरत है। पूर्व विधायक गुर्जर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह किया है कि उज्जैन जिला उनका गृह जिला है, यहां के श्रमिकों पर हो रहे अत्याचारों पर तत्काल संज्ञान लेकर शासन लैंक्सेस उद्योग द्वारा की जा रही जबरन वीआरएस प्रक्रिया पर रोक लगाए, श्रमिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, तथा शोषण और अन्याय से मुक्ति दिलाने के लिए तत्काल कार्यवाही करे।

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