रेलवे अंडर ब्रिज की मांग को लेकर ग्रामीणों का अल्टीमेटम, 17 दिसंबर को रेल रोको आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने बताया कि देवास-मक्सी रेलवे लाइन ग्राम अजीजखेड़ी की आबादी से होकर गुजरती है, जिसके कारण गांव दो हिस्सों में बंट गया है। रेलवे पटरी के दूसरी ओर स्थित खेतों तक पहुंचने के लिए कोई सुरक्षित अंडरब्रिज या वैकल्पिक मार्ग नहीं है। पूर्व में बना पुल पिछले 10-11 वर्षों से बंद पड़ा है, जिसके नीचे गंदे नालों का पानी भरा रहता है, जिससे आवागमन अत्यंत कठिन हो गया है। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 70-80 सर्वे नंबरों की कृषि भूमि रेलवे लाइन के उस पार स्थित है।
खेतों तक पहुंचने के लिए किसानों को 20-21 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। आवागमन की समस्या के चलते कई किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो गए हैं और भूमि बंजर पड़ी है। इसके अलावा रेलवे लाइन के उस पार शमशान घाट होने से अंतिम संस्कार के समय भी ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेलवे लाइन के कारण प्रधानमंत्री सडक भी आधी-अधूरी बनकर रह गई, जो कि गांव के अंदर तक आना था, लेकिन सड़क पटरी के उस पार तक ही बन पाई, जिससे हमें काफी परेशानियां हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या को लेकर वे दो बार रेलवे विभाग रतलाम सहित कलेक्टर, सांसद एवं विधायक को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से मौके पर निरीक्षण कर अंडरब्रिज निर्माण की मांग करते हुए कहा कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान धर्मेंद्र सोलंकी, लाखन सिंह, अर्जुन सिंह, भूपेंद्र सिंह, सुमेर सिंह, टिंकू सिंह, नारायण सिंह आदि ग्रामीण जन उपस्थित थे।





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