गरीबों के मसीहा बने संत रामपाल जी, मोरुखेड़ी में दिखाई सेवा की मिसाल.....
भारत सागर न्यूज/देवास। देवास जिले के मोरुखेड़ी गांव स्थित ज्ञानोदय विद्या खाती धर्मशाला में संत रामपाल जी महाराज द्वारा संचालित अन्नपूर्णा मुहिम की झलकियाँ सामने आई हैं। यह केवल एक वीडियो दस्तावेज़ नहीं, बल्कि आज के सुदामाओं की सच्चाई और संघर्षों की जीवंत तस्वीर थी।
कोई छत के बिना था, कोई भूखा था, किसी के पास तन ढकने को कपड़ा नहीं था, तो कोई बच्चों की शिक्षा के लिए फीस जुटाने में असमर्थ था। इन परिस्थितियों से जूझते लोगों की दास्तां जब हरियाणा के संत रामपाल जी महाराज तक पहुँची, तो वे विचलित हुए बिना नहीं रह सके।
संत रामपाल जी महाराज ने तुरंत अपने अनुयायियों को आदेश दिया कि वे जरूरतमंदों की सहायता करें। उन्होंने एक बुलंद नारा दिया— “रोटी, कपड़ा, शिक्षा और मकान, हर गरीब को देगा कबीर भगवान।” इसके बाद उनके अनुयायियों ने जरूरतमंद परिवारों को राशन, मसाले, गैस सिलेंडर जैसी घरेलू जरूरत की वस्तुएं ही नहीं, बल्कि पक्के मकान तक बनवाकर दिए।
खास बात यह रही कि ये मकान केवल 15 से 20 दिनों में पूरी सुविधाओं के साथ तैयार कर, संबंधित परिवारों को सौंपे गए। इसके अलावा एक महीने तक की खाद्य सामग्री और जब तक उन्हें स्थायी रोजगार न मिल जाए, तब तक आर्थिक सहायता देने का वादा भी किया गया।
यह पहल इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि आमतौर पर सरकारी योजनाओं के तहत बनने वाले मकानों में अक्सर छत या रसोई अधूरी रह जाती है, और निर्माण प्रक्रिया महीनों खिंच जाती है।
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इसके विपरीत, इस अभियान में समयबद्ध, समर्पित और संपूर्ण सहायता दी गई, जो समाजसेवा की एक मिसाल बन गई है।
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य कलियुग में सतयुग जैसा वातावरण बनाना रहा है और उन्होंने इसकी शुरुआत अपने अनुयायियों के माध्यम से कर भी दी है। यह पहल न सिर्फ सेवा का अद्भुत उदाहरण है, बल्कि यह दर्शाती है कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो हर गरीब का घर, हर सुदामा का जीवन बदला जा सकता है।
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