७३ को समझा ६३, महिला कर्मचारी को 10 साल पहले कर दिया सेवानिवृत्त...
भारत सागर न्यूज/ इंदौर। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और एक कंप्यूटर ऑपरेटर की छोटी सी गलती ने महिला कर्मचारी के भविष्य पर संकट खड़ा कर दिया। इंदौर के लाल अस्पताल में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी की महिला कर्मचारी ललिता यादव को विभाग ने समय से 10 साल पहले ही सेवानिवृत्त कर दिया, वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि ऑपरेटर हिंदी अंकों को ठीक से नहीं पढ़ सका।
ललिता की जन्मतिथि उनकी मार्कशीट और सर्विस बुक में 12 मार्च 1973 हिंदी अंकों में दर्ज थी, लेकिन ऑपरेटर ने ‘७३’ को ‘६३’ पढ़ लिया और रिकार्ड में उनकी जन्मतिथि 12 मार्च 1963 दर्ज कर दी।
इसी गलती के आधार पर विभाग ने उन्हें 52 वर्ष की उम्र में ही सेवानिवृत्त कर दिया, जबकि सेवा नियमों के अनुसार सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष है।
पति के निधन के बाद ललिता को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी और वह नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे रही थीं। अचानक उन्हें स्थापना प्रभारी द्वारा सूचना दी गई कि शासन ने उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया है। जब ललिता ने इसकी जांच की मांग की तो अधिकारियों को भी गलती का एहसास हुआ। बावजूद इसके, सेवानिवृत्त किए जाने के चार महीने बाद भी सुधार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। भोपाल स्थित संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ और महिला को वेतन भी नहीं मिल रहा है।
स्थिति यह है कि ललिता यादव रोज अस्पताल जाती हैं और विधिक विवाद की स्थिति के कारण न तो अधिकारी उन्हें कार्य से रोक पा रहे हैं और न ही नियमित कर पा रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ. जीएल सोदी ने बताया कि ललिता की जन्मतिथि गलत दर्ज हो गई है और इसके सुधार के लिए भोपाल को पत्र भेजे गए हैं, जल्द ही समाधान की उम्मीद है। इस पूरी घटना ने सरकारी रिकॉर्डिंग सिस्टम की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है, जहाँ एक छोटी सी त्रुटि किसी कर्मचारी के जीवन को वर्षों पीछे धकेल सकती है।
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