शिक्षा विभाग का दफ्तर खुद बना खतरा, जर्जर भवन में टपकती छतों के नीचे चल रही व्यवस्था ....!
राहुल परमार, देवास, 9425070079
भारत सागर न्यूज/देवास। देवास जिले में बच्चों के भवन ही नहीं, खुद जिला शिक्षा अधिकारी का दफ्तर भी जर्जर – बारिश में टपकती छत, गिरते छज्जों के बीच चल रहा काम ! राजस्थान में विद्यालय भवन की छत गिरने की घटना ने पूरे देश में सरकारी स्कूल और शिक्षा विभाग की बिल्डिंगों की वास्तविक स्थिति उजागर कर दी है। देवास में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं।यहाँ तक कि जिस विभाग पर जिले भर की शैक्षणिक व्यवस्था का दारोमदार है, उसका खुद का भवन ही खस्ताहाल है।
देवास जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। करीब 50 से 60 साल पुराना यह भवन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है। जगह-जगह छत से पानी टपकता है, दीवारें भीग चुकी हैं,
छज्जे गिर चुके हैं और कर्मचारी इन्हीं के नीचे बैठकर काम करने को मजबूर हैं। बरसात में हालत और गंभीर हो जाती है। पुराने रिकॉर्ड और फाइलें पानी में भीग जाती हैं, जिससे दस्तावेजों के नष्ट होने का खतरा भी बना हुआ है।
स्थिति इतनी चिंताजनक है कि कर्मचारी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी कर रहे हैं। इसी के साथ डीपीसी कार्यालय की छत भी लगातार रिसाव के कारण खराब हो चुकी है।
शिक्षा विभाग ने भवनों की स्थिति के अनुसार तीन श्रेणियाँ – माइनर, मेजर और जर्जर – बनाई हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है।
जिला शिक्षा अधिकारी हरसिंह भारतीय ने बताया कि जिले में 109 स्कूल भवनों को जर्जर श्रेणी में चिन्हित किया गया है। इन पर निगरानी जिला कलेक्टर ऋतुराजसिंह स्वयं कर रहे हैं। लेकिन विभागीय भवन की स्थिति खुद बताती है कि योजना से लेकर क्रियान्वयन तक में कहीं न कहीं गंभीर कमी है।
शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा इस भवन की मरम्मत की माँग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। भवन निर्माण या स्थानांतरण को लेकर कोई निर्णायक आदेश अब तक प्राप्त नहीं हुआ है।
"यह भवन लगभग 50-60 वर्ष पुराना है। अलग-अलग समय पर अधिकारियों को प्राक्कलन भेजे गए हैं। जैसे ही विभाग से इसे बनाने या स्थानांतरित करने के आदेश मिलेंगे, हम नियमानुसार कार्य करेंगे।"
— हरिसिंह भारतीय, जिला शिक्षा अधिकारी, देवास।
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