धार से मजदूरी करने आए भील गिरोह ने दिया था वारदात को अंजाम

सोनी हत्याकांड का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार



देवास गत 25 फरवरी को टोंकखुर्द थाना क्षेत्र के ग्राम टोंककला के समीप रंधनखेड़ी मार्ग पर अज्ञात बदमाशों द्वारा आभूषण व्यापारी सुरेश सोनी एवं उनके भतीजे रामकुमार सोनी पर हमला कर आभूषण भी लिये थे। इस हमले में गंभीर घायल सुरेश सोनी की मौत हो गई थी। जबकि रामकुमार सोनी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में टोंकखुर्द पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ धारा 302, 307, 397 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना प्रारंभ कर दी थी। करीब 44 दिन तक चली इस विवेचना के बाद आखिरकार सुसनेर में पदस्थ निरीक्षक योगेंद्रसिंह सिसौदिया की मदद से इस हत्याकांड का पर्दाफाश हो गया और पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से लूटे गए आभूषण भी बरामद करने में सफलता अर्जित कर ली है। जबकि तीन आरोपी फरार बताए गए है, जिनकी तलाश जारी है। इस बात का खुलासा करते हुए सोमवार को कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी ने बताया कि टोंककला के नजदीक हुए सुरेश सोनी हत्याकांड को पुलिस ने बड़ी चुनौती के रूप में लिया था और इस संबंध में समय पर मार्गदर्शन दे रहे थे। घटना की गंभीरता को देखते हुए हमने सुसनेर में पदस्थ निरीक्षक योगेंद्रसिंह सिसौदिया को तकनीकी सहायता के लिए देवास बुलाया था और एसआईटी की एक विशेष टीम गठित की गई थी। जिसमें डीएसपी साइबर किरण शर्मा, बरोठा टीआई ओ.पी. अहीर, टोंकखुर्द टीआई सुनील यादव आदि को शामिल किया गया था। साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी पर 30 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। इस टीम ने अपना मुखबिर तंत्र सक्रिय करने के साथ ही आसपास भी तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें पता चला कि धार जिले के बागटांडा क्षेत्र के मजदूर काठबड़ौद क्षेत्र में मजदूरी करने आए थे और ये लोग इधर ही बनने वाले एक शासकीय स्कूल के निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे, किंतु दिनेश भूरिया नामक संदेही मजदूर घटना दिनांक से ही फरार है। इसके बाद दिनेश भूरिया की छानबीन शुरु कर दी और उसके साथी मजदूरों से जानकारी प्राप्त की गई तो पता चला कि घटना दिनांक को दिनेश भूरिया के साथ सुनील अलावा, वनसिंह उर्फ वंशी वारिया, मगन अमलिया एवं उनके दो अन्य साथी घटना स्थल व काठबड़ौद क्षेत्र में देखे गए थे। इस जानकारी के बाद टीम द्वारा दिनेश भूरिया की मोबाइल लोकेशन निकाली गई, जिसमें पता चला कि आरोपीगण टांडा क्षेत्र में ही घूम रहे है, जहां पर पुलिस ने छापामार कार्यवाही कर सुनील अलावा, वनसिंह व मगन को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से लूटी गई 6 किलो चांदी, 49 ग्राम सोना कीमत करीब 5 लाख रुपये बरामद कर लिये गए। साथ ही घटना के समय प्रयुक्त मोबाइल फोन व हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी जब्त कर ली गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस वारदात को 6 लोगों ने अंजाम दिया था। तीन आरोपी गिरफ्तार हो चुके है। जबकि दिनेश भूरिया सहित तीन आरोपी अभी भी फरार है, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है, ताकि इसके पूर्व में की गई वारदात को भी उजागर किया जा सके। पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि उक्त सभी आरोपीगण मजदूरी करने के बहाने अन्य जिले या राज्य में जाते थे और जिस जगह पर वे मजदूरी करते थे, उस क्षेत्र की पूरी भौगोलिक स्थिति एकत्रित कर लेते थे। इसके बाद वे रैकी कर किसी भी संपन्न व्यक्त को निशाना बनाते थे और फिर अपने साथियों को हथियारों से लैंस होकर वारदात करने के लिए बुलाते थे। सोनी हत्याकांड को भी कुछ इसी तरह ही अंजाम दिया था। पुलिस अधीक्षक की माने तो सोनी प्रति सोमवार को हाट बाजार करने के लिए ग्राम काठबड़ौद जाते थे और शाम को वापस लौटते थे। उनकी इसी गतिविधि पर तीनचार सप्ताह तक आरोपियों पर नजर रखी गई और फिर योजनानुसार 25 फरवरी को लूट व हत्या की वारदात को अंजाम दे दिया गया। उक्त अंधेकत्ल का पर्दाफाश करने में एएसपी जगदीश डाबर के मार्गदर्शन में डीएसपी साइबर किरण कुमार शर्मा, टीआई सुसनेर योगेंद्रसिंह सिसौदिया, टीआई ओ.पी. अहिर, टीआई सुनील यादव, उपनिरीक्षक अमित सोलंकी, प्रधान आरक्षक कमलसिंह, आरक्षक अशोक दुबे, देवेंद्र चौहान, जितेंद्र गोस्वामी, धर्मराज सिंह, सुरेश शर्मा, साइबर सेल आरक्षक सचिन चौहान, शिवप्रतापसिंह सेंगर का सराहनीय योगदान रहा। उज्जैन आईजी द्वारा इन्हें 30 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।


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