भारत सागर न्यूज - फॉलोअप : दूसरी ब्लड रिपोर्ट थी सही ! मामला जिला चिकित्सालय में दो ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट देने का..



राहुल परमार, देवास। सोमवार को जिला अस्पताल में एक महिला मरीज को उसका बेटा हीमोग्लोबिन कमी के चलते ब्लड चढ़वाने पहुंचा था अस्पताल में जांच कराने पर कर्मचारी मरीज के ब्लड ग्रुप ही अलग बता दिये । यही नही इसके लिए मरीज के परिजन को ब्लड की रिपोर्ट की दोनों कॉपी भी दी गई थी। इसके बाद जांच करवाने और रिपोर्ट देने के दौरान जिला अस्पताल कर्मचारी द्वारा आशीष को चांटा मारने के लिए बोला गया था । उक्त वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। मामले में गंभीरता आने के बाद एक अन्य डॉक्टर द्वारा मरीज की जांच की गई तो बाद वाली रिपोर्ट जिसमें ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटीव आया था, वह सही पाई गई। आखिर सही जांच आने पर आशीष ने अपनी माताजी का ईलाज करवाना प्रारंभ किया। भला हो कि आशीष ने जागरुकता दिखाई और सही रिपोर्ट के लिए खड़ा रहा वरना गलत ब्लड रिपोर्ट पर गलत ईलाज यदि हो जाता और उससे मरीज पर गंभीर प्रभाव पड़ता तो इसका जिम्मेदार कौन होता ? 

🎥वीडियो : यह नही है लापरवाही, यह है कर्मचारी की कलाकारी ? जिला अस्पताल में एक ही मरीज के ब्लड की रिपोर्ट ?



मामले में मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एमपी शर्मा ने सिविल सर्जन को जांच के आदेश दिये थे। उक्त जांच की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है जबकि आशीष ने उसी दिन इस मामले में जिम्मेदारों को आवेदन दे दिया था। 

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. विजयसिंह ने बताया कि आवेदन पर आरएमओ को जांच के निर्देश दिये गए थे। आज शाम तक कार्यवाही पूर्ण हो जायेगी। 

लापरवाहियों पर जिम्मेदार कितने गंभीर हैं ? इस बात का पता तो इस मामले से आपको लग ही गया होगा। एक कर्मचारी के लापरवाह रवैय्ये से किसी मरीज की जान से खिलवाड़ करने पर भी कठोर कार्यवाही पर प्रश्न बना हुआ है। ऐसे में कब तक जिला अस्पताल इस संक्रमण से मुक्त होगा ? यह भी एक बड़ा प्रश्न है । 


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