जमीन के सीमांकन के एवज में रिश्वत की मांग करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दी सजा’’




भारत सागर न्यूज/देवास - अभियोजन प्रकरण इस प्रकार है कि दिनांक 26.05.2017 को आवेदक ने पुलिस अधीक्षक विपुस्था लोकायुक्त उज्जैन के समक्ष उपस्थित होकर एक लेखीय शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसने 34 वर्ष पूर्व अपने काका निवासी ग्राम मुंगावदा तहसील व जिला देवास में पटवारी हल्का नं 33 के सर्वे क्रमांक 202/1 में से 13 आरे कृषि भूमि खरीदी थी, जिस पर मैं खेती किसानी करता आ रहा हु जिसका नामांतरण हो चुका है।


 दिनांक 13.06.2016 को अपनी भूमि का सीमांकन करने हेतु आवेदन पत्र तहसीलदार कार्यालय में दिया था जिसमें सभी दस्तावेज लगा दिये थे। लगभग 1 वर्ष तक कोई भी कार्यवाही नही होने पश्चात तहसील कार्यालय गया तो वहा अभियुक्त नीलेश वर्मा, कम्प्यूटर ऑपरेटर तहसील कार्यालय जिला देवास ने कहा कि आप मुझे 5,000/-रूपये दे दो तो मैं तहसीलदार से सीमांकन का आदेश करवा दूंगा और सीमांकन हो जायेगा। जिसमें 2500/-रूपये आदेश के पहले एवं 2500/-रूपये सीमाकंन आदेश देने के बाद बोला था।  


                फरियादी के शिकायती आवेदन पत्र पर लोकायुक्त पुलिस उज्जैन द्वारा आरोपी नीलेश वर्मा, कम्प्यूटर ऑपरेटर तहसील कार्यालय जिला देवास को 2500/- रूपये रिश्वत की राशि प्राप्त करते हुये रंगे हाथो पकड़कर अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। न्यायालय में विचारण उपरांत अभियुक्त नीलेष वर्मा को रिश्वत की मांग करने का दोषी पाते हुये सजा दी गई।


माननीय विषेष न्यायाधीष महोदय (भ्र.नि.अधि.), जिला देवास (समक्षः-मनीष सिंह ठाकुर साहब) द्वारा निर्णय पारित कर आरोपी नीलेष वर्मा, कम्प्यूटर ऑपरेटर तहसील कार्यालय जिला देवास को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 8 में दोषी पाते हुये 3 वर्ष सश्रम कारावास व 10,000/- अर्थदण्ड से दंडित किया गया।



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