पुलिसकर्मियों ने झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर लूटे पैसे
- सिविल लाईन थाने के चार पुलिसकर्मियों ने मारपीट कर प्रताडित किया
भारत सागर न्यूज/देवास। पुलिस थाना सिविल लाईन देवास में पदस्थ पुलिसकर्मियों द्वारा झूठे केस में फसाने की धमकी देकर पैसे की लूटपाट की। इतना ही नही अश्लील गाली गलोच कर मानसिक व शारिरीक रूप प्रताडित किया। उक्त आरोप डॉ. दीपक चौधरी निवासी लुकय्या जिला लातेहार (झारखण्ड) ने गुरूवार को एक प्रेसवार्ता में लगाए। डॉ. चौधरी ने पे्रसवार्ता में पत्रकारों को बताया कि कुछ दिनों पहले सिविल लाईन थाना पुलिस ने हत्या के एक प्रकरण में मेरे छोटे भाई रूपक चौधरी को सह आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया था। जिसकी जानकारी लगने पर दिनांक 5 मई को देवास पहुंचा। अगले दिन 6 मई को वकील से मिलने मैं जिला न्यायालय देवास जा रहा था। इसी बीच सिविल लाईन थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी एसआई यश नाईक, एएसआई रोहन कदम उर्फ योगेश कदम, हवलदार शुभम तथा उसके एक अन्य साथी ने एबी रोड पर मुझे रिक्शा रोककर बीच रास्ते में उतारा और अपने साथ मोटर सायकल पर जबरन अपहरण कर अंजान सुनसान जगह पर ले गए। मुझ पर बर्बरता, अमानवीयता करते हुए मारपीट की और झूठे मुकदमे में फसाने से बचने के लिए मुझसे तीन लाख रूपए की मांग की। मैंने जब इतने पैसे नही होने की बात कहीं तो फिर 80 हजार रूपए देने का दबाव बनाने लगे। उक्त पुलिसकर्मियों ने मेरे पास रखी नगद राशि लगभग 15-16 हजार रूपए एएसआई रोहन कदम व उसके मुझ वाले साथी ने छीन लिए। बाद में एसबीआई बैंक मोतीबंगला के पास स्थित एटीएम से 10 हजार रूपए जबरन निकलाकर छीन लिए। इसके बाद ओर राशि निकलवाने के लिए शहर के कई एटीएम और कियोस्क व दुकानों पर लेकर गए, लेकिन राशि नही निकलने के कारण निरंतर प्रताडित करते रहे। मेरा मोबाइल आरक्षी शुभम ने मुझसे छिनकर रखा हुआ था, जिसे ओटीपी के लिए मैंने मांगा। जिसके बाद मैंने अपने वकील को मैसेज के द्वारा पुलिस द्वारा मुझे पकड लेने की सूचना दी। इसकी जानकारी सिविल लाईन थाना प्रभारी को लगने पर उन्होंने मुझे थाने पर बुलवाया और अनावश्यक मेरे बयान लेने का ढोंग करते हुए मेरे शासकीय नौकरी के दस्तावेजों के फोटो लिए, ताकि मेरी नौकरी पर अनावश्यक दबाव बना सके। जिसके बाद मुझे थाने से छोड दिया। इसके बाद 7 मई को मैंने इस घटना की पूरी लिखित शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक देवास तथा आईजी उज्जैन को की। आज दिनांक 8 मई 2025, गुरूवार को मैं जिला जेल देवास में अपने परिजन से मिलने परिवार सहित पहुंचा तो वहां पर भी एएसआई रोहण कदम अपने साथ दो-तीन अन्य पुलिस वालों को साथ लेकर आया। रोहन ने मेरा मोबाइल छीन लिया, मुझे गालियां दी और मेरे द्वारा अधिकारियों से की गई शिकायतों को वापस लेकर देवास छोडकर चले जाने को कहा। साथ ही दोनो भाईयों को नक्सली घोषित करके फर्जी प्रकरण में जेल में बंद करने की धमकी दी। मेरे मोबाइल को आज भी जांच के नाम पर जेल में छीनकर उसपे संभवतः छेड़छाड़ की। लगातार वो मुझे चार -पांच दिनों से बिना वजह ट्रेस कर रहे हैं। डॉ. चौधरी ने कहा कि मैं देवास में पहली बार आया हूँ। पुलिसकर्मियों द्वारा मेरे साथ की गई लूटपाट, अपहरण, बर्बरता व अमानवीयता की शिकायत करने के बाद भी मेरी कोई सुनवाई नही हो रही है। इसलिए मैं लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकारों के बीच अपनी बात रख रहा हूँ। उक्त घटना से आहत डॉ. दीपक ने प्रेसवार्ता कर अपने ऊपर हुए अत्याचार को उजागर किया। ताकि एक साधारण आम नागरिक के मानवाधिकारों का पुलिस द्वारा हनन न हों और न्यायिक प्रक्रिया में आए हुए किसी भी नागरिक के साथ पुलिस जबरन गुंडों की तरह अत्याचार न करे।
Comments
Post a Comment