देवास जिले में झोला छाप, फर्जी डॉक्टर उड़ा रहे नियमों की धज्जियां ! जवानी लौटाने व स्वास्थ्य के नाम पर आमजन के स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़ ! Farji Doctor News Dewas

  • बस स्टैंड के पीछे यौन औषधालय और गजरा गियर चौराहे रोड पर नेतागिरी की आड़ में पूर्णतः फर्जी गुप्त रोग विशेषज्ञ !
  • जवानी लौटाने व स्वास्थ्य के नाम पर आमजन के स्वास्थ्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़ !



देवास/पंडित अजय शर्मा/- जहां एक तरफ शहर, जिला, प्रदेश से लेकर पूरे देश स्तर पर बीमारियों के खतरे से शासन-प्रशासन व स्वास्थ मंत्रालय तो क्या आम जनता में भी भय व्याप्त है।भय का एक वातावरण सा उत्पन्न हो गया है। ऐसे दौर में भगवान समझे जाने वाले चिकित्सक धन लोलुपता के चक्कर में हैवानियत पर उतर आए तो जनता का रखवाला कौन? और ऐसे में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कार्यप्रणाली पर संदेह उत्पन्न होना भी लाजिमी है। क्योंकि गंभीर बीमारियों के दौर में झोलाछाप फर्जी डाक्टरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होना भी गंभीर सवालिया निशान है ? ऐसा भी नहीं है कि सीएमएचओ गंभीर बीमारियों को लेकर कोई काम नहीं कर रहे हैं। वे शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों पर कार्य तो कर रहे हैं लेकिन आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप फर्जी डाक्टरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं । इन्हीं झोलाछाप डॉक्टरों की भीड़ में एक फोटोछाप, फांदेबाज, चंदाखौर, नेताओं का चुगलखौर, हरेक छोटे से बड़े अवैध कारोबारियों व भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों का दलाल कुकुरमुत्ते की तरह वर्षों से उगा हुआ है। जबकि ये व्यक्ति पूर्णतः फर्जी  हैं। जो सांठगांठ से गुप्तरोग विशेषज्ञ बन लाखों के वारे-न्यारे कर लोगों की जान का दुश्मन बना हुआ है। क्या सीएमएचओ अनजान है? या इनका भी गुप्त रोग विशेषज्ञ से कुछ विशेष लगाव है ? जो सीधे-सीधे आमजनों को ठगी कर तथा जिंदगियों को शिकार बना रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को बदनाम कर रहे हैं । 



झोलाछाप फर्जीयों की भीड़ में बंगाली डॉक्टरों का देवास में क्यों चल रहा है जादू?

एक तो देवास में शहर सहित जिले भर में सीवील लाईन व मोती बंगला क्षेत्र के आवारा कुत्तों और सूवरों की तरह झोलाछाप फर्जी डाक्टर भी हर गली मोहल्ले वार्ड में फैले हुए हैं जिनपर आज दिनांक तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार नहीं किया! उपर से देवास को शासन-प्रशासन विहिन मान कलकत्ता के बंगाली डॉक्टरों की भी फौज खड़ी हो गई जो शहर के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही जिले के गांव-गांव में अपना कब्जा जमा कर बैठे हैं और आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं तथा मरीजों के परिजनों से मोटी राशि हड़प रहे हैं। अन्य प्रांतों के चिकित्सक इस देवास में आकर स्वास्थ्य के नाम पर गौरखधंधा कर रहे हैं और जिले के मुखिया सीएमएचओ इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जो आमचर्चा का विषय बना हुआ है ।

बस स्टैंड के पीछे यौन औषधालय और गजरा चौराहे रोड पर नेतागिरी की आड़ में पूर्णतः फर्जी गुप्त रोग विशेषज्ञ!

ये व्यक्ति देवास और आसपास के जिलों मे दलाल, चुगलखौर फर्जी के नाम से कुख्यात है । फोटोबाज और फांदेबाज भी कहलाता है । समाजसेवा के नाम पर अवैध कमाई करना इस सफेदपोश की फितरत है । ना इससे कोई तृप्त है ना इसे किसी को आत्म तृप्ति ही  हुई है । कभी बस स्टेण्ड पर कोल्ड्रिंक्स की दुकान चलाने वाला ये महाठग रंग बदलने मे गिरगिट को भी मात देता है। तो रूप बदलने मे बहरुपिये को भी पीछे छोड़ देता है । इसके नाम मे रम है लेकिन ये कहीं भी रमता नहीं है । प्रशासनिक-पुलिस अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों को मक्खन और चूना लगाना इसकी आदत है । ये महाठग उपभोक्ता हो या हक, नाम पर दावत देने की फितरत से ये अपना स्वार्थ सिद्ध कर ही लेता है ।

                        कभी धार्मिक यात्री प्रशिक्षण के नाम पर अवैध चंदा वसूली, तो कभी दलाली का धंधा इसकी पहचान हैं । महिलाओं के सम्पर्क मे बना रहने वाला ये दोगला कभी प्रथम महिला महापौर पति का खास हुआ करता था । आयोजन सद्भावनाओं के नाम पर करता है और इसकी भावना होती है चंदा वसूली की । कुछ मोबाइल छाप तथाकथित मीडिया वालों के मुंह लगा ये फर्जीवाड़े का कुख्यात मुखिया है । जैसा देश वैसा भेष बनाकर गेम खेलने वाला यह मीर जाफर अपनी ही पार्टी के मंत्री, विधायक तथा पदाधिकारियों की कमजोरी उन्हीं तथाकथित मोबाइल छाप पत्रकारों को बताता है । कभी महिला नेत्री के अवैध संबंधों का प्रचार भी करता है तो कभी सरकारी नालों पर बनी अवैध व्यवसायिक बिल्डिंगों  व मिलावटखोरी के दूध व्यवसायियों की सेटिंग करने तथा दलाली करता है।‍ इसको फर्जी यूं ही नहीं कहते इसके हर काम मे फर्जीवाड़े के प्रमाण मिलते है । इतना ही नहीं इसने अपने खून को भी फर्जी डॉक्टर की मार्क शीट बनवाकर ये खुद मरीजों को लूटने के दवाखाने चलवाने वाला ये फर्जी गुप्त रोगों का डॉक्टर बनकर खुद ही मरीजों को ठगता है । जवानी वापस लाने के नाम पर अधिकतर यह ग्रामीणों को ही शिकार बनाता है और हजारों की टोपी पहना देता है । अपनी काली करतूत छिपाने के लिये यह राजनीति, मीडिया और समाजसेवा को सुरक्षा कवच बनाता है । इसके गुरु भी गुरु घंटाल के नाम से कुख्यात हैं । जिस थाली मे खाना उसमे ही छेद करना, जिस पार्टी और प्रतिनिधि के साथ रहना उसकी ही पीठ मे छुरा मारना  इस महाठग की विशेषता है ।

                       और तो और ये कई बार तो मोटी रकम वसूलने के लिए ओरिजिनल डॉक्टर के नाम पर गजरा गियर चौराहे और संस्कार हास्पिटल के पास होटलों में कमरा बुक करवा कर खुद ही मास्क लगाकर अप्रोन पहनकर गुप्त रोगीयों को ठगता है। इतना ही नहीं गुप्त रोग के ओरिजिनल डाक्टरों से प्राप्त जानकारी अनुसार गलत डोज देने पर व्यक्ति को हार्ट अटैक भी आता है यहा तक कि उसकी मौत भी हो सकती है और सबसे बड़ी गंभीर बात ये है कि गुप्तरोगी बिना किसी को बताये हुए ही यह इलाज करवाता है। गलत दवाई से होने वाले घातक कुप्रभाव की शिकायत भी शर्म के कारण किसी को नहीं कर पाता । इसी का फायदा ये फर्जी यौन औषधालय वाले भरपल्ले उठाते हैं। इसीलिए ये उनके सामने डॉक्टर बनकर आता है तथा जवानी वापस लाने के नाम पर दवाई देकर जीवन से खिलवाड़ भी करता है ।

                       अपने कारनामो से इसे कभी शर्म नहीं आती और ना ही अपनी काली कमाई से ये महाठग तृप्त ही हुआ है और ना ही ये किसी को मानसिक व शारीरिक तृप्ति ही दे पाया है। यह महाठग भी अजगर की तरह फूलमाला डालकर अपना स्वार्थ साधता है । समाज के मार्गदर्शक और सेवा करने वालों के काले कारनामे भी तथाकथित मोबाइल छाप मीडिया कर्मियों को देता है । जब इसके बारे मे जानने का प्रयास किया तो ठगी और दलाली के अनेक कारनामो का पता भी चला जो यह कुख्यात है उससे कई गुना अधिक तेजतर्रार यह फितरती दलाल समाज के लिये भी घातक तथा खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग, पुलिस एवं शासन-प्रशासन इसके काले कारनामों की जांच करें तो कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं। विभाग व शासन-प्रशासन को इसकी निष्पक्ष जांच कर ठोस कार्रवाई करना ही जनता की ठगी व अनमोल जीवन बचाने के लिए न्यायोचित होगा।

क्या विभाग को झोलाछाप फर्जी डॉक्टर और यौन औषधालय लाभ पहुंचाते हैं ?

वैसे तो देवास में ज्यादातर अवैध व गैर कानूनी कारोबार पुलिस व शासन-प्रशासन के कुछ तथाकथित भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों की सांठगांठ और राजनीतिक दलालों के संरक्षण में ही चलते हैं जो जग जाहिर है। वहीं देवास में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ यदा-कदा कार्रवाई होती है लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है । वास्तविक फर्जी डाक्टरों पर कार्रवाई के नाम पर जांच होती है और कुछ नहीं होता है। जब कार्रवाई शुरू होती है तो जागरूक जनता बोलने लगती हैं कि विभाग वसूली के लिए निकल पड़ा है । विभाग की कार्यप्रणाली यही साबित करती है कि टीम मसला हल करने के बाद फर्जी डॉक्टरों के हवाले मरीजों को छोड़ दिया जाता है जो निश्चित तौर पर चिकित्सा क्षेत्र को बदनाम करने वाले डॉक्टरों की ओर से खुली छूट छोड़  दी जाती है। 

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