सोनकच्छ सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य मेला आयोजन चढ़ा लापरवाहियों की भेंट ? हजारो ने करवाया ईलाज, हजारों शिविर से बिना ईलाज के लौटे


  • कार्यक्रम में अव्यवस्थाओ का लगा अम्बार, सौ फीट टेंट के नीचे हजारो मरीजो ने करवाया ईलाज।
  • मरीज और परिजन गर्मी से होते रहे परेशान, आशा कार्यकता बैठी जमीन पर।
  • आमंत्रण पत्र में मुख्य अतिथि के नाम नही, फिर कांग्रेस विधायक पहुँचे, भाजपा नेताओं ने बनाई दूरी।
  • गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण कक्ष के बाहर अपनी बारी का इंतजार करने के लिए घंटों खड़ी रही, पंखा भी था बंद।



भारत सागर न्यूज, सोनकच्छ, विजेंद्र नागर - सोमवार को आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर सिविल अस्पताल सोनकच्छ परिसर में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न प्रकार की जांच है एवं स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लोगों को आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के माध्यम से लाया गया। अव्यवस्थाओं के चलते हजारों लोग ने पंजीयन कराकर परेशान करवाया व हजारों लोगों को लंबी लाइन देखकर और व्यवस्था ना होने के कारण बेरंग होकर वापस लौटना पड़ा।



     आयोजन में सुबह 9:00 बजे से स्वास्थ्य मेले में लोगों ने पहुंचकर स्वास्थ्य लाभ लेने के साथ ही अपना पंजीयन कराकर अलग-अलग विभागों में स्वास्थ्य परीक्षण करवाया। सुबह 9:00 बजे से ही मुख्य द्वार के पास से मरीज एवं उनके परिजनों की भारी भीड़ नजर आई। मुख्य द्वार पर पंजीयन हेतु 6 काउंटर लगाए गए थे जिनमें स्टाफ द्वारा पंजीयन किया जा रहा था इधर समय बीतने के साथ-साथ लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही थी मुख्य द्वार पर जहां मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा वही लाइन में लगे मरीजों के द्वारा सही व्यवस्था ना होने पर धक्का-मुक्की भी देखी गई।



    इधर स्वास्थ्य विभाग की टीम डॉक्टर व कर्मचारियों को कूलर की व्यवस्था दी गई थी एवं औपचारिकता करते हुए मरीजों और उनके स्वजनों के लिए केवल एक कूलर पंजीयन काउंटर के पास लगाया गया था। इसके साथ ही कई महिला जमीन के नीचे बैठी हुई भी नजर आई पंजीयन काउंटर की लाइन खत्म हो जाने के बाद भी अपनी बारी का इंतजार करते हुए लोगों को करीब आधे घंटे तक बैठना पड़ा। जिस हिसाब से आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को टारगेट दिया गया था उस हिसाब से व्यवस्था नहीं देखी गई। इधर सिविल अस्पताल भवन में गर्भवती महिलाओं की जांच की जा रही थी जिसमें अधिकतर महिलाओं के बैठने की व्यवस्था नहीं की गई साथ ही पंखा भी बनता जिससे गर्भवती महिलाएं दिन भर परेशान होती नजर आई। आयोजन में भीड़ बढ़ाने के लिए सामान्य ओपीडी मरीजों को भी शिविर में पंजीयन कराने के लिए बाध्य किया गया जिसमें रोजाना चलने वाली ओपीडी को भी बंद रखा गया।



    स्वास्थ्य मेले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा कोई विशेष चिकित्सक नहीं देखे गए जिसमें की सोन का स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस प्रकार प्रचार प्रसार किया गया उसके अनुरूप विभिन्न विभागों के चिकित्सकों की उपस्थिति होना अनिवार्य थी। जैसे कि डेंटल संबंधित है डॉक्टर का बैनर जिस काउंटर पर लगा हुआ था उस काउंटर पर कोई दंत चिकित्सक नहीं बैठा हुआ था, इसके साथ ही मनोचिकित्सक के बारे में भी जब जानकारी ली गई तो मनोचिकित्सक की भी उपस्थिति नहीं था। इसके साथ ही शिक्षकों को हेल्थ कार्ड बनाने के लिए स्वास्थ्य मेले में बुलाया गया था जो कि घंटों परेशान होते रहे अंत में उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। 

    आयोजन में 11 बजे क्षेत्रीय विधायक सज्जन सिंह वर्मा पहुंचे कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ जिसमें अतिथि के रूप में जनपद अध्यक्ष दीपशिखा दशरथ यादव जिला स्वास्थ्य अधिकारी एमपी शर्मा सहित कांग्रेस नेता शामिल हुए जानकारी के मुताबिक भाजपा नेताओं को भी इस कार्यक्रम की सूचना मिली थी लेकिन एक भी भाजपा नेता कार्यक्रम में नहीं पहुंचा। अपने उद्बोधन में सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि चारो तीरथ करने से अच्छा है कि किसी व्यक्ति की जान बचा लो। इसके साथ ही क्षेत्र की जनता शिविर का लाभ उठाएं। इस प्रकार के शिविर क्षेत्र के बड़े गावो में भी लगने चाहिए ताकि दूर-दराज के गांवों के लोगो को इसका फायदा मिल सके। हालांकि आमंत्रण पत्र में किसी पक्ष के नेता का नाम मौजूद नही था। फिर एक पक्ष के नेता को बुलाया गया जो कि चर्चा का विषय है। यहां तक कि विभाग में संचालन के लिए भी कोई विभाग का कर्मचारी नही मिला जो कि विभाग के बाहर के व्यक्ति को संचालन करना पड़ा।

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