#Dewas में पहली बार जनप्रतिनिधियों के पोस्टर लगाकर जनता से वसूला जा रहा जजिया जैसा कर ? यदि अवैध वसूली पर जिम्मेदार मौन हैं, तो फिर मेले में जाने वाली जनता से अवैध वसूली का दोषी कौन हैं? Dewas Mega Fare



भारत सागर न्यूज/देवास/पंडित अजय शर्मा/- । शहर में आईटीआई परिसर में लगने वाला मेला इस बार जनता के द्वारा काफी आलोचना झेल रहा है। सोशल मीडिया पर देवास की जनता ने मेले के आयोजन को लेकर काफी विरोधी प्रतिक्रिया दी है। कारण है यहां वसूला जाने वाला शुल्क !   जानकारी अनुसार उक्त मेले में एन्ट्री के नाम पर वसूली की जा रही है। जबकि ग्वालियर में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले में भी प्रवेश निःशुल्क रहता है और अन्य शहरों सहित  देवास में भी वर्षों से लग रहे मेलों में कभी प्रवेश शुल्क नहीं लिया गया । लेकिन पहली बार देवास में प्रवेश शुल्क प्रति व्यक्ति की वसूली पर जनता प्रश्न कर रही है। 





मेला महोत्सव देवास कुशाभाऊ ठाकरे स्टेडियम के पास, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की रिक्त पड़ी भूमि परिसर मे 3 मई से 23 मई 2022 तक लगाया गया है। सुत्रों के अनुसार इस मेले को योजनाबद्ध तरीके से सिर्फ स्वार्थसिद्धी को केन्द्रित कर प्रारंभ किया गया है ! जानकार तो यह भी कह रहे हैं कि  कुछ लोगों ने देवास के विश्वसनीय और लोकप्रिय नेताओं के फोटो का लाभ अपने इस व्यवसाय में लाभ कमाने के उद्देश्य से किया है। ऐसा लगता है मानो देवास महोत्सव मेला आयोजित करने वालो का उद्देश्य सिर्फ जनता से बलपूर्वक अवैध माल कमाना और जनप्रिय नेताओं के फ्लेक्स लगाकर अव्यवस्थाओं तथा अवैध वसूली पर आवाज उठाने वालों या अंकुश लगाने वालों से अपनी सुरक्षा करना है ? देवास मे पहली बार मेले मे प्रवेश शुल्क की अवैध वसूली यहां जजिया कर की भांति प्रतीत हो रही है ! जिससे जनता आश्चर्यचकित व आहत है !

बात केवल यही समाप्त नही होती देवास के लोकप्रिय नेताओं के फोटो को आधार बनाकर जनता से प्रति व्यक्ति से अवैध रुप से  प्रवेश शुल्क लेकर जनता मे उनकी लोकप्रियता को धूमिल करने का कुप्रयास किया जाकर उनकी ही जनता की नजरों में उन्हें भला बुरा कहलाया जा रहा है। यही नहीं अनेक परिवार दस रुपये प्रत्येक व्यक्ति से दादागिरी से वसूलने पर जिसमे बच्चों को भी नहीं बख्शा जा रहा है, लोग नाराज हो रहे हैं । देवास महोत्सव मेला आयोजित करने की स्वीकृति अनुविभागीय दंडाधिकारी से दिलाने में भी लोकप्रिय नेताओं निकटतम भाजपा नेता की भूमिका बताई जा रही है। हालांकि यहां मनोरंजन के अनेक साधन है लेकिन मेले मे अव्यवस्थाओं सहित अनेक अनियमितताओं को भी देखा जा सकता है । सुत्रों का कहना है कि मेला आयोजक खालिद नामक व्यक्ति है जो वरिष्ठ और लोकप्रिय नेताओं के निकटतम व्यक्ति का आधार बनाकर मेले में वसूली कर रहा है।


 

मेले मे मनोरंजन सहित खाने की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं । मेले मे प्रतिदिन हजारों नागरिक और ग्रामीण आ रहे हैं। मेले मे बच्चों सहित प्रत्येक से रुपये प्रवेश शुल्क विवाद,चर्चा और निंदा का कारण बना हुआ है। जनता कह रही है कि जनप्रिय जनप्रतिनिधियों के फोटो लगाकर जनता से नियम विरुद्ध प्रवेश शुल्क वसूलना क्या उचित है ? इस संबंध मे कलेक्टर ,नगरनिगम आयुक्त सहित जनप्रतिनिधियों का मौन भी आश्चर्यजनक बताया जा रहा है । मेला मनोरंजन का आयोजन होता है अच्छी बात है,। जनता को सपरिवार सहित मनोरंजन व घूमने फिरने का सुनहरा अवसर मिलता है। लेकिन प्रवेश शुल्क अनुचित बताया जाकर यह विवाद का कारण भी बन रहा है । प्रवेश शुल्क को लेकर बड़े विवाद भी हो सकते  हैं । प्रशासनिक-पुलिस ,नगरनिगम और जनप्रतिनिधियों को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मेले मे प्रवेश शुल्क अनुचित और अवैध चर्चित हो रहा है ।

मेला परिसर में अवैध गतिविधियां व अवैध कारोबार की भी  चर्चा !

         इतना ही नहीं मेले के पास ही कालोनीवासियों व व्यावसायिक दुकानदारों और सुबह घूमने वालों का तो मेले परिसर में अवैध गतिविधियां होने की बात भी कही जा रही हैं। स्थानीय लोगों को मेला परिसर में सुबह 11 बजे से जो शुरू यह नये-नये बाहर के लोगों का बड़ी-बड़ी महंगी फोर व्हीलर और टू व्हीलर बाहर के नंबर प्लेट्स वाले वाहनों का जमावड़ा और आना जाना मेला खत्म होने के बाद भी रात्रि 4 से 5 बजे तक बराबर महिला व पुरुषों  का आना जाना लगा रहता है। रहवासियों सहित सुबह घूमने जाने वाले लोगों में भी चर्चा है कि मेले परिसर में जमकर  धड़ल्ले से अवैध गतिविधियों और अवैध कारोबार खुलेआम चलने की चर्चा भी जो शहर में सरेआम सर्व विदित हो रही है। स्थानीय लोगों का तो यह भी डर है कि यहां मेले की आड़ में अवैध वसूली व अवैध गतिविधियों सहित सामाजिक बुराई के अवैध कारोबार कभी भी कोई बड़ी घटना या दुर्घटना को अंजाम दे सकता है। इस ओर भी पुलिस व शासन-प्रशासन को समय रहते गंभीरता पूर्वक ध्यान देना ही जनहित में न्यायोचित होगा।

मेगा ट्रेड फेयर की जानकारी!

                पुलिस व प्रशासनिक और राजनीतिक पुरोधाओं व बुद्धिजीवी जानकारों से प्राप्त जानकारी अनुसार आवेदक- मेसर्स डिलेक्स एम्यूज पार्क,-  बी 41 इल्यास कालोनी, खजराना इंदौर (म.प्र.) मालिक एमडी खालिद कुरेशी हैं। खालिद कुरेशी का नंबर आवेदन पत्र में 7000928896 है।  29/3/2022 को अनुविभागीय दंडाधिकारी के नाम अपने लेटर पेड़ पर हस्तलिखित आवेदन-पत्र देकर मेले की अनुमति चाही गई थी। जबकि यह आवेदन पत्र किसी काम करने वाले के नाम पते से लगवाया गया था। हालांकि खालिद कुरेशी की अपने पहचान वाले देवास के एक नेताजी से पूर्व से ही देवास में मेला लगाने का शायद पूरा खाका तैयार कर लिया गया था। खालिद कुरेशी के आवेदन पत्र पर व देवास के भाजपा नेता के पहचान व सिफारिश को ध्यान में रखते हुए, कार्यालय अनुविभागीय दंडाधिकारी अनुभाग- देवास जिला देवास (म.प्र.) का अनुमति पत्र क्रमांक 2954/ रीडर- 2/ 2022 देवास दिनांक 26/4/2022 के अनुमति पत्र अनुसार औधोगिक प्रशिक्षण देवास की रिक्त पड़ी भूमि में खालिद कुरेशी को मेला लगाने  का अनुमति पत्र दे दिया गया। किंग एम्यूजमेंट पार्क के नाम से मेगा ट्रेड फेयर शोपिंग एंड एम्यूजमेंट पार्क में  झूले, हेंडलूम, हेंडीक्राफ्ट, शोपिंग एक्सपो एण्ड एम्यूजमेंट पार्क, मारुती कार सर्कस से संबंधित हैं जो 3/5/2022 से 23/5/2022 तक चलेगा। मेले की अनुमति से जुड़ा एक लोकवाद यह भी है कि मेले को संचालन करने वाले के नाम पर पहले सहमति नही बन पाई तभी इसमें नया प्लान प्रकाश में आया, उक्त आवेदन किसी अन्य व्यक्ति के नाम से लगवाया जाकर पूरा खाका बैठाया गया। देवास के गलियारों में लोकचर्चा है कि खालिद के नाम के आवेदन पत्र पर परमिशन मिलने में नेताजी को डाउट था इसिलिए एक शेलैंद (ग्वालियर) नाम से आवेदन पत्र देना पड़ा? 

इधर देवास की जनता दबे मुंह सवाल पूछ रही है कि जब देवास के सम्मानीय महाराज साहब के जन्मदिवस से देवास महोत्सव मेले का शुभारंभ हुआ। जानकारी अनुसार मेले के आयोजक खालिद कुरेशी के सहयोग से अंसार अहमद हाथी वाले ने एक दिन झूले फ्री करने की घोषणा की गई ! लेकिन फिर अगले ही दिन से जनता को लूटने की खुली योजना पर अमल करते हुए इंट्री फीस क्यों ली जाने लगी ? जनता जानना चाहती है कि जब सम्मानीय अतिथियों के द्वारा इतने विशाल आयोजन का शुभारंभ किया गया तो फिर एक अलग शुल्क लेकर और अनियमितता फैलाकर मेला आयोजक सम्मानितों के नाम को क्यों धूमिल कर रहे हैं ? 

जानना-समझना चाहती है जनता!

             जनता जानना-समझना चाहती है, कि आखिर क्या ये मेला देवास महोत्सव शासकीय है या अशासकीय? जानकारी अनुसार मेले में जिला चिकित्सालय (एमजीएच) के गार्डों को तैनात करने की भी लोकचर्चा है, अब यह अनुमति किसने व किस विभाग ने दिलवाई ? हालांकि यह एक प्राइवेट संस्था भी हो सकती है। साथ ही पर्मिशन पत्र पर स्पष्ट लिखा  है कि मेले अवधि में हुई अनियमितता व नुकसान की संपूर्ण जवाबदारी मेला संचालक की रहेगी । लेकिन इसी के विपरीत मेला संचालक ने यह सारी लापरवाही मेले में आने वाले आगंतुक पर छोड़ दी।  

मेले पर आमजनों के यह है दागे गये सवाल - 

बिना रुपए लिखित पर्ची से अवैध वसूली और उस पर्ची पर झूले में बैठने की जवाबदारी जनता की खुद की आखिर क्यों? 

जहां इस भीषण गर्मी में जगह-जगह आग लगने से जनहानि की खबरें आ रही है तो क्या मेला संचालक ने फायर परमिशन ली ? और यदि ली भी है तो क्या मेले में आग पर काबू पाने के लिए मुकम्मल इंतजाम किए गए हैं ? 

मेले मे क्या आयोजक मध्यप्रदेश शासन को निर्धारित मनोरंजन कर जमा कर रहा हैं ? क्योंकि यदि इसमें खुले तौर पर इंट्री चार्ज लिया जा रहा है तो यह जिम्मेदार कर विभागों के मनोरंजन कर के दायरे में आता है? 

क्या आयोजक को शासकीय आईटीआई को ज़मीन किराए पर उपलब्ध कराई गई है? यदि किराए पर है तो इसका दाम क्या है ?

क्या आयोजक ने विधिवत विद्युत संयोजन प्राप्त किया है? यदि हॉ तो क्या आयोजक ने विद्युत सुरक्षा के लिए आवश्यक खानापूर्ति और विद्युत सुरक्षा व्यवस्था की है ? 

क्या आयोजक ने विद्युत सुरक्षा हेतु आवश्यक चालान शुल्क और विद्युत संयोजन स्थापना की जांच संबंधित विद्युत अधिकारी से करवाई है ? 

क्या आयोजक ने नगर निगम सहित अन्य आवश्यक विभाग से अनापत्ति और अनुमति प्राप्त की है ? 

अगर फिर भी बिना इन अनुमतियों के ये मेला चल रहा है तो आयोजक को बड़ा लाभ प्राप्त होगा, क्योंकि मेले से असीमित आय प्राप्त हो रही है और इस आय में किस किसको कितना शेयर है ये तो आयोजक ही जाने या फिर इनके पथप्रदर्शक ! या फिर जिम्मेदार अधिकारी व जिम्मेदार नेताजी ही जाने! क्या ये इतना बड़ा षडयंत्र अचानक, या आकस्मिक ही लागू हो गया ? यह भी कई बड़े प्रश्नों को जन्म दे रहे हैं। 

        

और अंत में !

देवास के गलियारों में लोकवाद तो यह भी है कि देवास भाजपा के युवा भविष्य के जन्मदिवस पर कुछ सट्टा-जुआ कारोबारी, अवैध वसूली करने वाले, मादकपदार्थ माफियाओं से जुड़े अवसरवादियों  द्वारा उनके फोटो के साथ अपनी अपनी फोटो लगाकर बड़े-बड़े बैनर पोस्टर लगाए गए और उसका नाजायज फायदा उठाते हुए यातायात को अवरुध्द कर दिया गया । जबकि इस दौरान यात्री अक्षय तृतीया और ईद के त्यौहारों पर भरी गर्मी मे परेशान होते हैं और यह सब यातायात थाना के बिल्कुल पीछे तक भी घटित हुआ है। 

              दूसरी घटना विगत दिनों आठ खंबा पर पत्रकार के साथ हुई निंदनीय घटना, फिर पुलिस की कार्यवाही में सट्टा जुआ अड्डा पर छापामारी तोड़ फोड़ कर अड्डा ध्वस्त किया गया, अड्डे का संचालक व संरक्षण दाता की आपसी रिश्तेदारी और भाजपा के खासमखास का नाम सरेआम शहर से जिले तक जनता के बीच आपसी चर्चाओ में आज भी कायम है। जो निंदनीय है। इतना ही नहीं फिलहाल विकास नगर के सामने आईटीआई मैदान में लगा मेले में जनता से प्रति व्यक्ति रुपए अवैध जजिया कर की भांति वसूली करने की कुंठा जनता के दिलों दिमाग में नफ़रत के रुप में पल रही है। इस प्रकार की हरकतों और कु कृत्यों से ही देवास के लोकप्रिय और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत की छवि को धूमिल करने का दुस्साहस इस आयोजक ने किया है जिसकी आशंका भविष्य में राजनीतिक रुप से हानि पंहुचाने और कष्टदायक होने का संकेत प्रतीत करवा रही है। 


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