आशाओं ने खून से पत्र लिख किए पोस्ट, रैली निकाल स्वास्थ्य मंत्री की गुमशुदगी हेतु सौंपा आवेदन !

हड़ताल 30वें दिन भी जारी, मुख्यमंत्री को ओआरएस का घोल पिलाओ, मामाजी को होश लाओ के नारे लगाए


देवास। अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आशा-आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ के बैनर तले एक माह से हड़ताल पर बैठी जिलेभर की आशाएं विभिन्न प्रकार से आंदोलन व प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी मांगे पहुंचा रही है।
जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान एवं अनुराधा लोधी ने बताया कि आशाओं ने हड़ताल के दौरान मुख्यमंत्री को 90 से ज्यादा खून के पत्र लिखकर भोपाल भेजे। वहीं ओआरएस के पैकेट दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को ओआरएस का घोल पिलाओ, मामाजी को होश लाओ के नारे लगाए। गुरुवार को आशाओं ने आक्रोशित होकर जिला अस्पताल से थाना सिटी कोतवाली तक नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और थाना प्रभारी के नाम स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु आवेदन सौंपा। आशाओं ने आवेदन में बताया कि हमारी हड़ताल को 30 दिन हो चुके है, उसके बावजूद आशा और सहयोगी की जीने लायक वेतन की जायज मांगों पर कोई निराकरण नही हो पाया है। जिसका मुख्य कारण है मप्र के स्वास्थ्य मंत्री गुमशुदा हो चुके है। वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी लगातार उपेक्षा की जा रही है। आशाएं अपनी हड़ताल के दौरान विभिन्न पैंतरे अपना कर सरकार तक मांगे पहुंचा रही है, लेकिन सरकार के कानो में जूं तक नही रेंग रही है।
संगठन मंत्री अनिता सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हमारा नौकरी के नाम पर शोषण कर रही है। हम लोगों को सरकार जीने लायक वेतन दे। इसी क्रम में हड़ताल पर बैठी अन्य कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम लोगों को 30 दिन हड़ताल पर बैठे हुए हो चुके हैं। लेकिन अभी तक प्रदेश सरकार का कोई भी मंत्री हमारी समस्याओं को सुनने तक नहीं आया है। सरकार से हमारी मांग है कि आशा को 10 हजार और पर्यवेक्षकों को 15 हजार रुपए देना निश्चित किया जाए। आशा/आशा पर्यवेक्षकों को कर्मचारी के रूप में नियमित किया जाए, तब तक न्यूनतम वेतन देने, न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए किया जाए, भविष्य निधि, ईएसआई, ग्रेच्युटी, पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ दिया जाए। आशाओं के हड़ताल पर चले जाने से जिलेभर की स्वास्थ्य सेवाएं पूर्ण रूप से प्रभावित हो रही है। साथ ही टीकाकरण भी नियमित नही हो रहा है। हमारी हड़ताल 20 अप्रैल तक जारी रहेगी। यदि उसके बाद भी सरकार मांगे पूरी नही करती है तो प्रदेशभर की आशाएं भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगी। इस दौरान भागवंता सेप्टा, रीना दुबे, अमीना बी, भूरी बोड़ाना, शमशाद शेख, दीपशिखा, सीता गे्रवाल, कोसर, मधु, चंद्रकला, रिंकी मुछाल, मंजू कौशल, सविता चौहान, माया परिता, देवकी, सुनीता दुबे, फरजाना शेख सहित बड़ी संख्या में जिले की आशाएं हड़ताल पर बैठी हुई है।






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