क्या शराब बनाने वाले स्थान की कैमरे से हो रही थी निगरानी ? प्रशासन की बॉउन्ड्री मे बवंडर वाली खबर ! Was the liquor making place being monitored by cameras? Whirlwind news in the boundary of the administration!

आबकारी व पुलिस विभाग ने शराब बनाने के ठिकाने पर की संयुक्त रुप से कार्रवाई ... 

प्रताप नगर में शराब बनाने की सामग्री के साथ बड़ी मात्रा में महुआ लहान किया जब्त



भारत सागर न्यूज , देवास। पुलिस और आबकारी विभाग ने संयुक्त रुप से कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में लहान और अवैध शराब के साथ शराब बनाने की सामाग्री जब्त की है। इस संबंध में आबकारी अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। आरोपियों ने शासकीय भूमि पर कब्जा कर लिया और जमीन में गड्ढा कर लहान के भरे ड्रमों से कच्ची शराब बना रहे थे। पुलिस ने जेसीबी से यहां बनी भट्टियों को नष्ट किया गया। आबकारी विभाग अधिकारी के मुताबिक लगभग 20 लाख रुपए की सामग्री जब्त की।

बड़े स्तर पर कार्य चलने से यह तो स्पष्ट है कि यह काम करने वालों को विभाग, पुलिस और प्रशासन का जरा भी भय नही है। हालांकि नवीनतम पदस्थापना होते ही आबकारी अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के एक्शन ने उक्त स्थानों का पूर्णतः समाप्त कर दिया। जानकारी अनुसार कार्यवाही होने के कुछ समय बीत जाने के बाद यहां यह काम वापस शुरु हो जाता है। बीच शहर में तकनीकी रुप से अवैध काम करने वाले लोग प्रशासन की नाक के नीचे इस कार्य को अंजाम दे रहे थे। जानकारी अनुसार अवैध शराब बनाने वाले लोगों के घरों से मौके से डीवीआर भी जप्त हुआ है। 

हो सकता है कि डीवीआर के माध्यम से होने वाली कार्यवाहियों से बचने और अचैध शराब बनाने वाले स्थानों की चौकसी की जाती हो ताकि कैमरों के माध्यम से पता लग जाये कि कब कार्रवाई हो और कब सुरक्षित समय देखा जा सके। अपुष्ट सुत्रों के मुताबिक डीवीआर लगे घरों में अक्सर दरवाजे बंद ही रहते थे ताकि कोई भी आये तो शंका न करें और लौट जायें। हालांकि अब इनकी सूक्ष्म जांच में पता लगेगा कि उक्त स्थान पर किस तरह की तकनीकों का प्रयोग कर विभागों और पुलिस को चकमा दिया जा रहा था। 




आबकारी विभाग को सूचना प्राप्त हो रही थी, कि प्रतापनगर में अवैध रूप से शराब बनाने के लिए भट्टियां संचालित हो रही है। शुक्रवार दोपहर को आबकारी विभाग ने पुलिस विभाग के सहयोग से प्रतापनगर में छापामार कार्रवाई की। विभागीय अमले को यहां पर तीन से चार भट्टियां मिली। साथ ही लगभग 10 हजार किलोग्राम महुआ लहान भी मिला जो 50 से 60 ड्रमों में भरा हुआ था। बताया गया है कि महुए को सड़ाकर व उसमें अन्य सामग्री का मिश्रण कर अनुमानित तौर पर लगभग 100 लीटर कच्ची शराब यहां से प्रतिदिन बनाकर सप्लाय की जा रही थी। भट्टियों व इनके ऊपर अवैध निर्माण को जेसीबी से जमींदोज किया गया। बताया गया है कि इस प्रकार से शराब बनाने वाले शराब में नौसादर, यूरिया जैसी सामग्री प्रयोग भी करते हैं। इससे यह शराब घातक हो जाती है। पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई की गई है, यहां की लगातार सूचनाएं मिल रही थी।



  अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त कार्रवाई की है लगातार इसकी सूचना प्राप्त हो रही थी। यहां पर ड्रमों को जमीन में गाढक़र उसमें लहान को सड़ाया जाता है और उसको वाष्पीकृत करके शराब बनाई जाती है। प्रताप नगर की सूत्रों से सूचनाएं मिली थी जिस पर कार्रवाई की गई है। कंपनी की बाउण्ड्री से लगा हुआ स्थान है। इतनी बड़े स्तर पर कार्य चलने से यह तो स्पष्ट है कि यह काम करने वालों को विभाग, पुलिस और प्रशासन का जरा भी भय नही है। जानकारी अनुसार कार्यवाही होने के कुछ समय बीत जाने के बाद यहां यह काम वापस शुरु हो जाता है। बीच शहर में तकनीकी रुप से अवैध काम करने वाले लोग प्रशासन की नाक के नीचे इस कार्य को अंजाम दे रहे थे। जानकारी अनुसार मौके से डीवीआर भी जप्त हुआ है। 

सहायक आबकारी आयुक्त राजनारायण सोनी ने बताया हमें सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ लोग प्रतापनगर में रेलवे क्रासिंग के समीप कच्ची शराब का अवैध रुप से व्यापार कर रहे हैं। हमने टीम गठित कर कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान 8 से 10 हजार किलोग्राम महुआ लहान सहित अन्य सामग्री जब्त की। महुआ लहान को नष्ट कर दिया गया।  इसकी गुणवत्ता सही नहीं होती और स्वास्थ्य के लिए हानीकारक होती है। हमने कार्रवाई कर सभी को जब्त कर लिया है। यहां शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर भट्टियां बनाई गई थी। आरोपियों की तलाश की जा रही है। 


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