नगर निगम देवास का खुद का डेम होने के बावजूद खरीदना पड़ा करोड़ों का पानी!
- शासन के निर्णय की वजह से निगम को खरीदना पड़ रहा है करोड़ों का पानी.....
- निगम के डैम से निजी संस्था के पानी लेने की वजह से निगम को खरीदना पड़ रहा है करोड़ों का पानी....
- शासन का निर्णय नगर पालिका निगम देवास को पड़ रहा है आर्थिक रूप से भारी.....
देवास। नगर पालिका निगम देवास में उज्जैनी-उज्जैन पाइपलाइन योजना से जो पानी लिया गया। उसके भुगतान हेतु कार्यपालन नर्मदा विकास संभाग द्वारा करोड़ों रुपए का बिल निगम देवास को दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता ललित चौहान ने बताया कि यह स्थिति इसलिए निर्मित हुई कि राज्य शासन द्वारा निजी संस्था देवास वाटर प्रोजेक्ट को शिप्रा बैराज का उपयोग निशुल्क करने की अनुमति दी गई। जिसके कारण डेम का पानी जिससे कि देवास में पेयजल की आपूर्ति लम्बे समय तक की जाती है। निजी संस्था द्वारा उपयोग करने के कारण पानी समय से पहले खत्म हो जाता है और हमें जलापूर्ति के लिए पानी खरीदना पड़ता है। निगम देवास को 1 जनवरी 2023 से 30 जून 2023 तक मात्र 6 माह में निगम देवास के 19 करोड़ से अधिक का पानी खरीदना पड़ा। पिछले वर्ष 1 फरवरी 2022 से 30 जून 2022 तक मात्र पांच माह में 12 करोड़ से अधिक का पानी खरीदना पड़ा। यह आर्थिक भार नगर निगम देवास पर मात्र शासन के उसे निर्णय की वजह से पढ़ रहा है जो कि शासन ने शिप्रा बैराज की निजी संस्था देवास को निशुल्क उपयोग करने की अनुमति दी है। साथ ही निगम देवास को मिलने वाले पानी का दर भी अधिक है। शासन की इन्हीं गलत नीतियों के कारण नर्मदा विकास प्राधिकरण का नगर पालिका निगम देवास पर अभी तक की तकरीबन 500 करोड़ रुपए से अधिक राशि बकाया है।
पत्र लिखने में इतनी देरी क्यों?
नगर पालिका निगम को बिं क्रं.(1) 500 करोड़ से अधिक मिले बिल माफी बिं क्रं.(2) निजी संस्था द्वारा निशुल्क शिप्रा बैराज उपयोग की अनुमति निरस्त करने बिं क्रं. (3) पानी की दरों को दोबारा तय कराना बिं क्रं. (4) अनुबंध के प्रारूप में जो शर्त कखंडीका का नंबर 7 पर डाली है, उसे हटाने हेतु। बिं क्रं. (5) शिप्रा बैराज में वर्षा कालीन जो पानी एकत्रित होता है। उस पानी का उपयोग भी निजी सस्ता करती है। उसे पानी की कीमत निगम देवास को निजी संस्था द्वारा देना चाहिए। बिं. क्रं. (6) क्षिप्रा बैराज के संधारण पर खर्च हो रही राशि निजी संस्था से लेना चाहिए। इन बिंदुओं को लेकर निगम प्रशासन महापौर और परिषद के सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों द्वारा शासन को पत्र लिखने में इतनी देरी क्यों हो रही है। सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों से में निवेदन करता हूं कि नगर एवं निगम प्रशासन के हित में जल्द से जल्द शासन को पत्र लिखने की कृपा करें।
महापौर महोदया जी ने पत्र शासन को लिखा, लेकिन मात्र दो बिंदुओं पर
देवास महापौर गीता अग्रवाल ने प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय मप्र शासन भोपाल को पत्र लिखा, लेकिन उस पत्र में मात्र बिंदु क्रं. 3 पानी की दरों को लेकर उल्लेख किया गया। बिंदु क्रं. 5 वर्षाकालीन पानी की राशि को लेकर ही चर्चा पत्र के माध्यम से की गई है। जबकि अन्य चार बिंदु का कोई उल्लेख ही नहीं किया गया। उनसे में पुन: निवेदन करता हूं कि जल्द से जल्द शासन को बिल माफी और अन्य बिंदु कि लिए पत्र लिखने की कृपा करें। साथ ही आगामी दिनों में होने वाली परिषद की बैठक में भी इन बिंदुओं पर चर्चा होना चाहिए और संकल्प पारित कर शासन को भेजना चाहिए। पूर्व में भी परिषद के सभी सदस्यों को मेरे द्वारा परिषद की बैठक के पूर्व पत्र दिए गए थे। लेकिन उन बिंदुओं पर परिषद में चर्चा ही नही हुई। यह गहन चिंता का विषय है।
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