MP Election 2023 #Politics - सोनकच्छ में पूर्व विधायक की नाराजगी, डूबा सकती है सोनकर की लुटिया ! भाजपा के लिए आसान नहीं है #सोनकच्छ की डगर !



भारत सागर न्यूज/ सोनकच्छ/चेतन यादव - पांच राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों में  स्‍वाभाविक रूप से देश के इस ‘हृदय प्रदेश’ के नतीजों पर सबकी निगाह जमी है. राज्‍य में कुछ प्रमुख नेताओं के ‘पलायन’ का सामना कर रही बीजेपी के सामने सत्‍ता में वापसी की कठिन चुनौती भी है। चुनावी बेला में बीजेपी तमाम अंतर्विरोधों का सामना कर रही है।  राज्‍य के कई छोटे नेता जहां ‘छिटककर’ कांग्रेस की शरण में जा रहे है, वहीं कई बड़े नेता पार्टी में अपनी उपेक्षा से मुंह फुलाए बैठे हैं। ऐसा ही हाल कुछ प्रदेश की हॉट सीट समझी जाने वाली सोनकच्छ का है। भाजपा के लिए सोनकच्छ में अपने कुनबे को संभालना मुश्किल होता जा रहा है। यहां से पार्टी के पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी राजेश सोनकर के विरुद्ध  खुली जंग का ऐलान कर दिया है।


पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष के चलते सोनकच्छ में भाजपा की राह आने वाले विधानसभा चुनाव में मुश्किल होती जा रही है, क्योंकि यहां पार्टी ने पूर्व विधायक और दूसरे अन्य दावेदारों को झटका देते हुए सांवेर के पूर्व विधायक राजेश सोनकर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। सोनकर को टिकिट देने से सबसे ज्यादा नाराजगी पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा और उनके समर्थकों की है, उनका कहना है कि जब 13 हजार से ज्यादा मतो से हारने वालों को टिकिट दी गई है तो वे तो मात्र 9500 मतों से हारे थे और हारने के बाद भी विगत पोने पांच साल से क्षेत्र में सक्रिय है तो दूसरी ओर कई स्थानीय नेता भी नाराज है, उनकी शिकायत है कि पार्टी कार्यक्रमों में दरी बिछाने, प्रचार करने और पोलिंग बूथ जैसे काम करने के बावजूद ‘इनाम’आयातित नेताओं को ही मिल रहा है। सोनकर ने क्षेत्र में प्रचार प्रारंभ कर दिया है लेकिन सोनकर के प्रचार अभियान से  पूर्व विधायक राजेंद्र वर्मा और उनके समर्थकों ने दूरी बनाई हुई है। गत दिनों भाजपा के केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में भी पूर्व विधायक और उनके समर्थक  नहीं गए थे। वर्ष 2018 के चुनाव और 2023 के चुनाव में एक समानता यह है कि 2018 जो भाजपा के पदाधिकारी और नेता राजेंद्र वर्मा के विरोध में थे। वे आज सोनकर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे है और जो राजेंद्र वर्मा के साथ थे, वे आज सोनकर के साथ नहीं है। 



        राजेंद्र वर्मा समर्थकों का दर्द गाहे - बगाहे सोशल मीडिया पर आए दिन छलकता रहता है। राजेंद्र वर्मा के समर्थक शेर और शायरी में माध्यम से अपना दुखड़ा व्यक्त करते रहते है। एक बात तो तय है कि सोनकच्छ में राजेंद्र वर्मा और उनके समर्थकों की नाराजगी राजेश सोनकर की लुटिया डुबो सकती है और बिना राजेंद्र वर्मा और उनकी टीम के बिना सहयोग के सोनकच्छ में भाजपा की राह आसान नहीं है। अब आगे देखना यह होगा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राजेंद्र वर्मा की नाराजगी दूर करता है या नहीं।




















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