संत रामपाल के शिष्य ने इस्त्री के दौरान निकले कपड़ो में रु 19000 लौटाए




भारत सागर न्यूज/देवास/ संजू सिसोदिया - म.प्र. वर्तमान समय में चोरी, डकैती,रिश्वतखोरी,लूट खसोट चरम सीमा पर है। ईमानदारी नाममात्र की बची है, वही दूसरी तरफ विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक व सच्चे समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज जी एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं, उनके शिष्य प्रत्येक बुराइयों से कोसों दूर है चाहें वो नशा हो, दहेज हो, भ्रष्टाचार हो, पाखंडवाद हो लेकिन ये सब समाज में तेजी से बड़ रही है। वही दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी समाज में अच्छे-अच्छे कार्य कर रहे है व लगातार ईमानदारी की मिशाल पेश कर रहे है। 


ईमानदारी की एक ऐसी ही खबर मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जिला देवास की तहसील सतवास से आई है, जहां संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य ओमप्रकाश दास निवासी सतवास जो की कपड़ों पर इस्त्री करने का कार्य करते है जो की घर-घर जाकर कपड़े लेकर आते है फिर उन पर प्रेस करके वापस उनके कपड़े लोटाते है जब वो जितेंद्र गुर्जर नामक व्यक्ति निवासी सतवास के कपड़े लेकर आते है और जब कपड़ो पर प्रेस के दौरान उसमे 19000 रुपए पाए जाते है, जिसके बाद ओमप्रकाश दास ने ईमानदारी का परिचय देते हुए कपड़ों के साथ उनके 19000 रुपए वापस लौटाए और साथ में संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा लिखित विश्व प्रसिद्ध पुस्तक "ज्ञान गंगा" भेंट की। ईमानदारी के इस कार्य के लिए जितेंद्र गुर्जर ने संत रामपाल जी महाराज की प्रशंसा की और उनके शिष्य को धन्यवाद दिया।

















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