मुख्यमंत्री निवास तक पैदल यात्रा व आमरण अनशन की तैयारी, नगर परिषद की घोषणा पूर्ण नही होने से जनता आक्रोशित।






भारत सागर न्यूज/शाजापुर/अवन्तीपुर बड़ोदिया/राय सिंह मालवीय - कस्बा अवन्तिपुर बड़ोदिया को 2013 में तहसील बनाने की जायज मांग को राजनीतिक दांवपेंच में उलझाने से व्यथित हजारों क्षेत्रवासि कड़ाके की ठंड में पैदल मार्च करते हुए 5 दिन में मुख्यमंत्री निवास पहुँचे थे। जहाँ मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए तहसील बनाने के अलावा आवश्यक विकास कार्यों के साथ सुंदर नगर बनाने की बात भी कही थी । 
          2015 में तहसील गठन के पश्चात क्षेत्रवासी लगातार नगर परिषद बनाने की मांग विभिन्न मंचो पर उठाते रहे.. जिसे  संज्ञान में लाते हुए तत्कालीन सांसद स्व.मनोहर ऊंटवाल एवं विधायक इंदरसिंह परमार के विशेष आग्रह पर सितंबर 2018 की जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने वादे को दोहराते हुए हजारों जनता के बीच कहा था कि "हमने बड़ोदिया को तहसील बनाने का काम किया है अब शीघ्र ही नगर परिषद बनाएंगे.. ताकि तहसील का बनना सार्थक हो सके।" घोषणा पर अमल भी हुआ। गठन की कार्यवाही प्रशासनिक स्तर पर प्रारंभ हो गई और राजनीतिक दांवपेंचो में उलझकर केबिनेट तक नही पहुँच पाई और आचार संहिता लग गई.. फिर पांच साल के लंबे इंतजार के पश्चात विगत 12 अप्रैल को शुजालपुर आगमन पर सीएम ने अपनी घोषणा को पुनः दोहराते हुए कहा कि " एक पंचायत की सहमति नही मिल पाई थी.. उसका पत्र सौपते ही अवन्तिपुर बड़ोदिया को नगर पंचायत बना दिया जायेगा.." जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए जिला प्रशासन ने गठन की प्रक्रिया तेज करते हुए अन्य दो पंचायतों को जोड़कर नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी थी। 






   किंतु नजदीकी ग्राम हन्नुखेड़ी की आपत्ति के कारण गठन प्रक्रिया धीमी पड़ गई । सरपंच रचना अभिषेक पटेल ने बताया कि जो प्रस्ताव बनाकर भेजा गया वो ग्राम पंचायत हन्नुखेड़ी के वार्ड अमस्याखेड़ी को सर्वसम्मति से अलग करते हुए तथा ग्राम पंचायत अवंतीपुरा को नगर परिषद का वार्ड बनाने का भेजा गया था, जिसे प्रशासन ने विभाजित नही करते हुए पूरी की पूरी पंचायत को इसमे विलय कर दिया, जिससे आपत्ति एवं विरोध की स्तिथि बनी। सरपंच ने बताया कि अवन्तिपुर बड़ोदिया रियासत काल से टप्पा एवं थाना मुख्यालय रहा है। आजादी के बाद से ही कस्बे के आधारभूत विकास की मांग समय-समय पर की जाती रही है किंतु हमेशा राजनीतिक पक्षपात का ही शिकार हुआ है। अवन्तिपुर बड़ोदिया जिले का सबसे बड़ा थाना क्षेत्र होकर तहसील मुख्यालय सहित यहाँ समस्त महत्वपूर्ण शासकीय कार्यालय मौजूद हैं। साथ ही कस्बा वर्तमान में पगरावद रोड, हन्नुखेड़ी रोड, अमस्याखेड़ी, पवाँडीया, देवनखेड़ी, गिगलाखेड़ी एवं पलासी रोड सहित छह तरफा विस्तारित हो रहा है। नई बसाहट से ग्राम पंचायत स्तर पर व्यवस्थाओ को मूर्तरूप नही मिल पा रहा है। पेयजल व सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। बढ़ते दायरे के कारण ग्राम पंचायत को मूलभूत विकास कार्य हेतु राशि की उपलब्धता ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। अनेक शिक्षित युवा रोजगार के अभाव में अन्य शहरों की ओर पलायन को मजबूर हैं। इन्ही विडंबनाओ को दृष्टिगत रखते हुए कस्बे को नगर परिषद बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि कस्बे का समुचित विकास हो सके।






      

    सामाजिक कार्यकर्ता व गरीबनाथ धाम प्रबंध समिति सचिव महेंद्र सोनी ने बताया कि "अवन्तिपुर बड़ोदिया की एक ऐतिहासिक व धार्मिक पृष्ठभूमि रही है। यहाँ संत श्री गरीबनाथ महाराज ने संवत 1245 में जीवित समाधि ली थी। तभी से उनकी स्मृति में 15 दिवसीय मेले का आयोजन प्रतिवर्ष रंगपंचमी पर होता है जिसमे लगभग 50 से 75 हजार श्रद्धालुओं का आगमन मेला अवधि  में होता है। साथ ही माँ लालबाई फूलबाई की शाही सवारी प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा पर निकलती है। इसमे भी 40-50 हजार दर्शनार्थी आते हैं। इसके अलावा यहाँ 1100 वर्ष प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव का मन्दिर है जो देशभर में निवासरत लगभग ढाई लाख "धाकगड़ी माहेश्वरी" समाजजनों के कुलदेवता होकर उनकी आस्था का केंद्र है। उक्त सभी धार्मिक स्थलों पर वर्षभर हजारों श्रद्धालु व सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों का आगमन यहाँ होता रहता है किंतु यहाँ के धार्मिक महत्व के अनुसार व्यवस्थाओं की खासी कमी है। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल व बस स्टैंड परिसर अपनी बदहाली पर आँसू बहा रहे हैं.. अलग अलग समय पर होने वाले उक्त बड़े आयोजनो में पहुँच मार्ग, पार्किंग, पेयजल, साफ़ सफाई, कचरा प्रबंधन, रखरखाव एवं अन्य संसाधनों आदि के लिए पंचायत को अन्य निकायों पर निर्भर रहता पड़ता है.. जिसे दृष्टिगत रखते हुए नगर पंचायत का होना जरूरी प्रतीत होता है। यदि नगर परिषद बनती है तो इन आयोजनों को एक अच्छी व्यवस्था के साथ संचालित किया जा सकता है। 

   लगातार 20 वर्षों से मांग के बावजूद भी मुख्यमंत्री सहित क्षेत्रीय नेताओ द्वारा घोषणा और आश्वासनों में आम जनता उलझकर रह गई है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि नई जनगणना के अनुसार अवन्तिपुर बड़ोदिया कस्बे की कुल जनसंख्या 10000 के करीबन है। यदि ग्राम हन्नुखेड़ी व एक अन्य गांव की आपत्ति के कारण उन्हें हटाकर उक्त पंचायतों के आधे वार्ड भी इसमे सम्मिलित कर लिए जाए जो बड़ोदिया की परिधि में आते हैं तो भी गठन सम्भव है और यदि शासन की मंशा यही है कि छलावा करते हुए सिर्फ चुनाव के समय सपने दिखाकर 5 साल फिर से आश्वासनो में निकाल दिये जायें, तो क्षेत्रवासि पुनः 1 अक्टूबर को सत्याग्रह करते हुए हजारों की संख्या में पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास पर आमरण अनशन करने की तैयारी में है। 




















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