महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए श्रीमती चौहान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ यादव को दे रही है धन्यवाद
जिला जनसम्पर्क कार्यालय, देवास
- स्वावलंबी महिला सशक्त राष्ट्र/ सफलता की कहानी स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद निशा चौहान लिख रही सफलता की नई कहानी
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- स्व सहायता समूह से जुड़कर बनी आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से हुई सुदृढ़, अब सालाना हो रही है अच्छी आय
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भारत सागर न्यूज/देवास। देवास, 31 मई 2025/ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है।
महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। इन्हीं महिलाओं में सोनकच्छ विकासखंड के अगेरा की स्व सहायता समूह की श्रीमती निशा चौहान पति योगेश चौहान है, जिन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम से बैंक सखी, उन्नत कृषि बकरी पालन एवं अन्य गतिविधियां प्रारंभ की।
जिससे आज वे सफलता की नई कहानी लिख रही है। महिलाओं को सफलता की ऊंचाई प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हितग्राही श्रीमती निशा चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही है। स्व सहायता समूह की श्रीमती निशा चौहान ने बताया कि वे सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम अगेरा की रहने वाली है।
उनके परिवार में सास-ससुर, पति व बच्चों सहित 06 सदस्य है। वे बताती है कि वे कक्षा 12वीं तक पढ़ी है। समूह से जुड़ने से पूर्व वे घर के कार्य और खेती करती थी।
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उनका जीवन सामान्य घरेलू महिला की तरह चल रहा था। वे बताती हैं कि उनकी आमदानी का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं था।
उन्हें समूह की महिलाओं ने आजीविका मिशन के बारे में जानकारी दी और मीटिंग में बुलाया। मीटिंग में स्व सहायता समूह से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया। मीटिंग में बताया गया कि शासन द्वारा आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह बनाए जा रहे हैं
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जिसमें 10 से 15 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है फिर उस का खाता बैंक में खुलता है। जिसमें समूह की सदस्य अपनी बचत करती है, जिसमें समूह की सदस्यों को शासन की योजना का लाभ मिलता है।
निशा चौहान ने बताया कि वे समूह की मीटिंग के पश्चात उन्होंने समूह से जुड़ने का फैसला लिया और समूह से जुड़ी उनके समूह का नाम रचना आजीविका स्वयं सहायता समूह है। ग्राम संगठन का नाम अगेरा आजीविका ग्राम संगठन है। उनके सीएलएफ का नाम शक्ति संकुल संगठन है।
वे बताती है कि आजीविका मिशन से जुड़ने के पश्चात उनके जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आए हैं। वे बताती है कि वर्ष 2018 में समूह में जुड़ने का निर्णय लिया। उसके बाद वे बचत करने लगी।
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आजीविका मिशन और उनकी और उनके पति की मेहनत से आज में बहुत खुशहाल जीवन जीने लगी है। उनकी जिदंगी एक दुखभरी थी, इतनी जल्दी आगे बढ़ जाउगी कभी नहीं सोचा था। वे बताती हैं
कि समूह के माध्यम से प्रथम ऋण 10,000 का लिया जिसमें खेती में बीज आदि के लिए लिया। जिससे उन्हें मुनाफा हुआ। वे बताती हैं कि द्वितीय ऋण 75,000 रुपए का लिया जिसके माध्यम से उनके पति और उनके द्वारा व्यवसायिक खेती की।
जिससे उन्हें मुनाफा होने लगा। वे बताती हैं कि अब वे फसल उत्पादन के साथ ही प्याज, लहसून, और सोयाबीन को स्टोर कर रखते है, तथा भाव आने पर विक्रय करते हैं, जिससे उन्हें अच्छा फायदा होता है।
वे बताती हैं कि आजीविका की गतिविधियों के माध्यम से स्वयं की 0 2बीघा कृषि भूमि,चूड़ी दुकान, बैंकसखी, बकरी पालन आदि से परिवार की मासिक आय 14500 रुपए तक हो जाती है। आज वे बहुत खुश हैं तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही हैं।
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