देवास को राष्ट्रपति सम्मान, पर सफाई व्यवस्था में खामियां बरकरार... (विपक्ष)


देवास को राष्ट्रपति अवार्ड, सफाई मित्रों को बधाई लेकिन पार्षद प्रतिनिधि ने खड़े किए सवाल?






भारत सागर न्यूज/देवास। नगर निगम देवास को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 50 हजार से 3 लाख की जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में देशभर में देवास को प्रथम स्थान मिला है। यह सम्मान नगर की स्वच्छता व्यवस्था और सफाई मित्रों की मेहनत का प्रतीक माना जा रहा है।




इस उपलब्धि पर शहर के नागरिकों, सफाई मित्रों, निगमकर्मियों और जनप्रतिनिधियों ने खुशी जाहिर की। नगर निगम के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी जानकारी के अनुसार यह उपलब्धि देवास की लगातार स्वच्छता रैंकिंग में आई प्रगति और नागरिकों की भागीदारी का परिणाम है। हालांकि, नगर निगम को मिले इस अवार्ड को लेकर विपक्षी नेताओं ने कुछ गंभीर सवाल भी उठाए हैं। नगर पालिका परिषद में नेता प्रतिपक्ष एवं पार्षद प्रतिनिधि राहुल पंवार ने अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सफाई मित्रों को हार्दिक बधाई दी और शहरवासियों को शुभकामनाएं दीं, लेकिन साथ ही उन्होंने नगर की जमीनी हकीकत पर सवाल भी उठाए।





जनता की प्रतिक्रिया और जमीनी सच्चाई पर सवाल?
राहुल पंवार ने कहा कि, "इतना बड़ा सम्मान मिलने के बाद भी आम नागरिकों से अपेक्षित प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली। यह चिंता का विषय है। क्या इसका कारण यह है कि लोगों को वास्तव में सफाई व्यवस्था का अनुभव नहीं हो पा रहा?" उन्होंने आगे कहा कि शहर के कई वार्डों में नियमित रूप से कचरा वाहन नहीं पहुंच रहे हैं, नालों की सफाई के लिए बनी ‘नाला गैंग’ भी कई इलाकों में सक्रिय नहीं है। 


कई मुख्य सड़कों पर गड्ढे, जलभराव और गंदगी की स्थिति बनी हुई है। "सड़कें टूटी पड़ी हैं, चूड़ी मुरम या मिक्स मैटेरियल का उपयोग नहीं हो रहा, जिससे गंदगी बढ़ रही है। जब खुद जनता यह कहे कि हाँ, अब साफ-सफाई हो रही है — तभी यह पुरस्कार सार्थक माना जाएगा," उन्होंने कहा।





दिल्ली यात्रा पर उठे सवाल
नेताप्रतिपक्ष ने यह भी सवाल उठाया कि जब राष्ट्रपति भवन में अवार्ड लेने के लिए केवल दो प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, तो नगर निगम के खर्च पर 12 लोगों को दिल्ली क्यों भेजा गया? उन्होंने इसे जनधन का दुरुपयोग बताया और निगम प्रशासन से इसका स्पष्टीकरण मांगा।
आवश्यक है पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन
राहुल पंवार ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में पुरस्कार मिलना गर्व की बात है, लेकिन यदि यह सम्मान वास्तविकता से मेल न खाता हो, तो जनता के बीच इसकी स्वीकार्यता कम हो जाती है। उन्होंने मांग की कि नगर निगम को जनता के फीडबैक के आधार पर व्यवस्था में सुधार लाना चाहिए, ताकि अगली बार यह सम्मान सिर्फ कागज़ों पर नहीं बल्कि जनता के अनुभव में भी परिलक्षित हो।

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